Skip to main content

Posts

Showing posts from June, 2022

WhatsApp के जरिए लीजिए Digilocker सर्विस

Digilocker अब WhatsApp पर भी इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय ने घोषित किया है कि अब डिजीलॉकर सुविधा का उपयोग  WhatsApp  के द्वारा भी किया जा सकेगा जो कि बेहद सरल होगा । यदि आप अपने दस्तावेज़ों की Hard Copy साथ नहीं रखना चाहते हैं तो डिजी लॉकर की सुविधा बहुत ही काम की है । डिजीलॉकर के माध्यम से आप अपने पैन कार्ड, ड्रायव्हिंग लाईसेंस, दसवी या बारहवीं की मार्कशीट या कोई बीमा पॉलिसी ये सारे दस्तावेज सरलता से आप डिजीलॉकर के माध्यम से अपने  WhatsApp  पर प्राप्त कर सकते हैं । यदि आप अपना लाईसेंस घर भूल गए हों तो आप WhatsApp पर डिजीलॉकर सुविधा द्वारा अपना लाइसेंस पुलिस को दिखाकर चालान से बच सकेंगे । Digilocker  सुविधा WhatsApp  पर कैसे मिलेगी ?  आपको + 919013151515 यह नंबर सेव करना होगा ।  अब WhatsApp पर जाकर ऊपर दिए हुए नंबर पर 'Hi' टाईप करें । 'Hi' करते ही दो विकल्प मिलेंगे कोविन और डिजीलॉकर सुविधा । कोविन के माध्यम से आप Vaccination Certificate भी प्राप्त कर सकते हैं और कोरोना के टिके हेतु पंजीकरण भी कर सकते हैं । डिजीलॉकर को चुनते ही आधार Verification...

आंदोलक नहीं उपद्रवी !

  CAA फिर कृषि क़ानून और अब अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ आंदोलन के नाम पर उपद्रव ! देश आज जिस मार्ग पर गमन कर रहा है वह सच में भयावह है । पहले CAA पर एक भ्रामक सूचनाएँ फैलाकर जनता को भ्रमित करने का दुस्साहस, कृषि क़ानून पर भी कुछ हद तक ऐसा ही स्वरूप नज़र आया और अब सरकार ने जैसे ही अग्निपथ योजना का ऐलान किया वैसे ही सड़कों पर धू धू कर जल रहे ट्रक, बस और रेल जैसे अन्य सार्वजनिक साधनों का भीषण नज़ारा देश देख रहा है । कहीं सड़कों पर आंदोलन के नाम पर उपद्रव किया जा रहा है तो कहीं अग्निपथ योजना को वापस नहीं लिए जाने पर आतंकी बनने  की खुलेआम धमकी दी जा रही है । इनकी एक बात और गौर करने लायक़ है कि इस उपद्रव में वे ही लोग अधिकतर शामिल हैं जिनका इस योजना के आयु मानक (Age Criteria) से कोई मेल जोल नहीं है ।  🚨 #Breaking l #पटना के पास मसौढी में पुलिस चौकी को उपद्रवियों ने आग के हवाले किया. क्या ये उपद्रवी #Army Apirant हो सकते हैं ? #AgnipathScheme #Agnipath #AgnipathProtests pic.twitter.com/YPYPUGuqeh — Pranjal Mishra 🇮🇳 (@PranjalmishraIN) June 18, 2022 आप यह ...

तुर्की नहीं तुर्कीए !

  संयुक्त राष्ट्र ने तुर्की के नाम को बदलने की अपील को स्वीकृत कर लिया है । आख़िर नाम बदलने के पीछे क्या है कारण ? क़रीबन 2021 से इस विषय पर तुर्की में चर्चा चल ही रही थी जिसे अब जाकर विराम लगा है ।  तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन मानते हैं की तुर्की का नया नाम 'तुर्कीए' यह इतिहास और संस्कृति को दर्शाता है । प्रचार प्रसार भी ज़ोरों पर  व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी किया जाएगा 'तुर्कीए' शब्द का इस्तेमाल । हालाँकि ऐसा करने पर इस शब्द का प्रसार तेज़ी से होगा ऐसा तुर्की का मानना है । अंग्रेज़ी में लोग तुर्की को टर्की कहते है और टर्की नाम एक पक्षी का भी होने के कारण तुर्की लोगों को हीन भावना महसूस होती थी साथ ही वे कनफ़्यूज भी होते थे । आप यदि इंटरनेट पर 'Turkey' सर्च करेंगे तो ज्ञात होगा कि यही नाम से पक्षी भी पाए जाते हैं ।