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जिंदगी और मौत के साये में उलझे यूक्रेन का आज है स्वतंत्रता दिवस…

जिंदगी और मौत के साये में उलझे यूक्रेन का आज है स्वतंत्रता दिवस… इस वर्ष के फरवरी से वैश्विक स्तर पर सुर्खियों के साथ ही चिंता का केंद्र बन चुके यूक्रेन – रूस युद्ध का मामला आज शांत होने से कोसों दूर नजर आ रहा है ।   संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, छह महीने के संघर्ष में अब तक कम से कम 5,587 नागरिक मारे गए हैं और 7,890 अन्य घायल हुए हैं, जिसमें कहा गया है कि वास्तविक आंकड़े अधिक हो सकते हैं क्योंकि यूक्रेन में रूसी हमले 182 वें दिन भी जारी हैं। इस दुर्भाग्यपूर्ण तनाव से मात्र मानवीय जीवन को हानि पहुँच रही है यह मात्र निश्चित है ।  यूक्रेन के स्वतंत्रता दिवस अवसर पर राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने रूस के साथ कोई समझौता नहीं' करने का संकल्प लिया ।   • राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने भावनात्मक भाषण में कहा कि जब रूस के आक्रमण से यूक्रेन का 'पुनर्जन्म' हुआ । • ज़ेलेंस्की फिर से चेतावनी दी कि यूक्रेन के खिलाफ रूसी उकसावे और क्रूर हमले संभव हैं और उनका देश जवाब देगा  । • कीव प्रशासन ने यूक्रेन की स्वतंत्रता के उपलक्ष्य में सार्वजनिक समारोहों पर प्रतिबंध लगा दिया है। खार्किव और मायकोलाइ...

Russian forces claim soldiers have been poisoned in an act of Ukraine’s "chemical terrorism"

The Russian Ministry of Defence has claimed that Russian soldiers have been poisoned in Zaporizhzhia Oblast of Ukraine with an artificially derived poison. Source: Russian state-owned news agency TASS on Telegram, quoting the Ministry of Defence of the Russian Federation Details: The Russian Ministry of Defence claimed that the Russian soldiers who took part in hostilities in Zaporizhzhia Oblast were "hospitalised with symptoms of severe poisoning". It also claimed that "Zelenskyy’s regime" has allegedly "authorised terrorist attacks against Russian soldiers involving poisonous chemicals". A type B botulinum toxin has allegedly been used to poison Russian occupying forces in Zaporizhzhia Oblast. Russian military medics have confirmed the presence of artificially derived poison in the bodies of those hospitalised [with poisoning symptoms - ed.]. Russia is threatening to send unspecified "evidence of the chemical terrorism act carried out by the Kyiv re...

WhatsApp के जरिए लीजिए Digilocker सर्विस

Digilocker अब WhatsApp पर भी इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय ने घोषित किया है कि अब डिजीलॉकर सुविधा का उपयोग  WhatsApp  के द्वारा भी किया जा सकेगा जो कि बेहद सरल होगा । यदि आप अपने दस्तावेज़ों की Hard Copy साथ नहीं रखना चाहते हैं तो डिजी लॉकर की सुविधा बहुत ही काम की है । डिजीलॉकर के माध्यम से आप अपने पैन कार्ड, ड्रायव्हिंग लाईसेंस, दसवी या बारहवीं की मार्कशीट या कोई बीमा पॉलिसी ये सारे दस्तावेज सरलता से आप डिजीलॉकर के माध्यम से अपने  WhatsApp  पर प्राप्त कर सकते हैं । यदि आप अपना लाईसेंस घर भूल गए हों तो आप WhatsApp पर डिजीलॉकर सुविधा द्वारा अपना लाइसेंस पुलिस को दिखाकर चालान से बच सकेंगे । Digilocker  सुविधा WhatsApp  पर कैसे मिलेगी ?  आपको + 919013151515 यह नंबर सेव करना होगा ।  अब WhatsApp पर जाकर ऊपर दिए हुए नंबर पर 'Hi' टाईप करें । 'Hi' करते ही दो विकल्प मिलेंगे कोविन और डिजीलॉकर सुविधा । कोविन के माध्यम से आप Vaccination Certificate भी प्राप्त कर सकते हैं और कोरोना के टिके हेतु पंजीकरण भी कर सकते हैं । डिजीलॉकर को चुनते ही आधार Verification...

आंदोलक नहीं उपद्रवी !

  CAA फिर कृषि क़ानून और अब अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ आंदोलन के नाम पर उपद्रव ! देश आज जिस मार्ग पर गमन कर रहा है वह सच में भयावह है । पहले CAA पर एक भ्रामक सूचनाएँ फैलाकर जनता को भ्रमित करने का दुस्साहस, कृषि क़ानून पर भी कुछ हद तक ऐसा ही स्वरूप नज़र आया और अब सरकार ने जैसे ही अग्निपथ योजना का ऐलान किया वैसे ही सड़कों पर धू धू कर जल रहे ट्रक, बस और रेल जैसे अन्य सार्वजनिक साधनों का भीषण नज़ारा देश देख रहा है । कहीं सड़कों पर आंदोलन के नाम पर उपद्रव किया जा रहा है तो कहीं अग्निपथ योजना को वापस नहीं लिए जाने पर आतंकी बनने  की खुलेआम धमकी दी जा रही है । इनकी एक बात और गौर करने लायक़ है कि इस उपद्रव में वे ही लोग अधिकतर शामिल हैं जिनका इस योजना के आयु मानक (Age Criteria) से कोई मेल जोल नहीं है ।  🚨 #Breaking l #पटना के पास मसौढी में पुलिस चौकी को उपद्रवियों ने आग के हवाले किया. क्या ये उपद्रवी #Army Apirant हो सकते हैं ? #AgnipathScheme #Agnipath #AgnipathProtests pic.twitter.com/YPYPUGuqeh — Pranjal Mishra 🇮🇳 (@PranjalmishraIN) June 18, 2022 आप यह ...

तुर्की नहीं तुर्कीए !

  संयुक्त राष्ट्र ने तुर्की के नाम को बदलने की अपील को स्वीकृत कर लिया है । आख़िर नाम बदलने के पीछे क्या है कारण ? क़रीबन 2021 से इस विषय पर तुर्की में चर्चा चल ही रही थी जिसे अब जाकर विराम लगा है ।  तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन मानते हैं की तुर्की का नया नाम 'तुर्कीए' यह इतिहास और संस्कृति को दर्शाता है । प्रचार प्रसार भी ज़ोरों पर  व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी किया जाएगा 'तुर्कीए' शब्द का इस्तेमाल । हालाँकि ऐसा करने पर इस शब्द का प्रसार तेज़ी से होगा ऐसा तुर्की का मानना है । अंग्रेज़ी में लोग तुर्की को टर्की कहते है और टर्की नाम एक पक्षी का भी होने के कारण तुर्की लोगों को हीन भावना महसूस होती थी साथ ही वे कनफ़्यूज भी होते थे । आप यदि इंटरनेट पर 'Turkey' सर्च करेंगे तो ज्ञात होगा कि यही नाम से पक्षी भी पाए जाते हैं ।

अगर आप भी भारत में सुरक्षित महसूस नहीं करते तो ये पढ़िए...

भारत में सुरक्षित नहीं ? चीन के शिनजियांग प्रांत में उईगर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के दस्तावेज लीक हुए हैं जिससे यह पता चलता है कि वहाँ पर उईगरों के क़ुरान - हिजाब को क़ब्ज़े में लिया जाता है और भागनेवालों को गोली मार दिया जाता है इस दस्तावेज ने हर किसी को हैरान कर रखा है। दस्तावेज खंगालने पर यह पता चल रहा है कि हज़ारों उईगर मुस्लिमों को जबरन क़ैद कर रखा है।   इस विषय पर शोध करने वाले एड्रीयन जेन्ज ने इन फ़ाइलों को इंटरनेट पर अपलोड किया है जिससे उईगरों के साथ हो रहे निर्ममता का आभास होता है। कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व सचिव चेन क्वांगुओ का भी हाथ ? दस्तावेज में शिनजियांग में कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व सचिव चेन क्वांगुओ का एक पुराना भाषण है जिसमें डिटेंशन से भागनेवालों को सरेआम गोली मारने का आदेश दिया था। शोधकर्ता एड्रीयन का कहना है कि, चीन ने लाखों उईगर मुसलमानों को जेलों और डिटेंशन सेंटर में क़ैद कर रखा है। दस्तावेज़ों को झूठा बता रही है चीन की सरकार इन दस्तावेजों के लीक होने के बाद जब सारी दुनिया ने चीन से मानवाधिकार के हनन पर सवाल पूछना शुरू कर दिया तो चीन के विदेश मंत्रालय...

कांग्रेस ICU में है ?

जी हाँ !  कांग्रेस यह देश की सबसे पुरानी पार्टी है जिसने हमारे देश पर दशकों राज किया है इस बात से आप सभी भलीभाँति परिचित हैं ।  लेकिन ऐसा क्या हुआ जो कांग्रेस पार्टी की तबियत दिन प्रतिदिन खराब ही होते जा रही है ? बड़े से बड़े नेता जो कांग्रेस पार्टी के मज़बूत अवयव थे वे कांग्रेस पार्टी को लगातार अलविदा कर रहे हैं । जितिन प्रसाद, प्रियंका चतुर्वेदी, अभिजीत मुखर्जी, जगदंबिका पाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, हिमंता बिस्वा सर्मा, एन बीरेन सिंह, P C चाको, अदिति सिंह, कैप्टन अमरिंदर सिंह, अश्वनि कुमार, हार्दिक पटेल, सुनिल जाखड़ और अब जाने माने वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल आदि । सूचि बहुत लंबी है लेकिन क्या सच में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व इस विषय पर चिंतन कर रहा है ? 🚨 #Breaking Kapil Sibal files Rajya Sabha nomination on SP ticket #Kapilsibal @KapilSibal @samajwadiparty pic.twitter.com/ZtubfQn4r9 — Pranjal Mishra 🇮🇳 (@PranjalmishraIN) May 25, 2022 मेरा व्यक्तिगत मानना यह है कि, शायद अब कांग्रेस को संगठन का अच्छा अनुभव रखने वाले कार्यकर्ता को अपना शीर्ष नेता बनाना चाह...